Sunday 1 May 2016

Majdoor

जो मजूरी के लिए दूर दूर तक भटके वही मजदूर है कहलाता,
जो अपनी मेहनत और लगन से जीवन चलाये वही मजदूर है कहलाता,
जो अपने  सपनों को दिल में संजोए अग्रसर है वही मजदूर है कहलाता,
जो  परिश्रम और करम की मिसाल बना वही मजदूर है कहलाता ।

भरा है ये समाज मजदूरों के वजूद से,
महज स्तर अलग है मजदूरी करने के तरीके से,
हर कोई यहाँ मजदूरी ही तो कर रहा,
गरीब आमिर बनना चाह रहा और आमिर और आमिर बनना चाह रहा ।

हर कोई यहाँ भाग रहा अपने  सपनों को तररकी के साँचे में पिरोने में,
तररकी की ख़ुशी को महसूस कर खुद को सबसे अलग दिखाने में,
हर कोई यहाँ सबसे ऊंचाई की शिखर को पाने के लिए है जी रहा,
अपनों को और खुद को भुला, खुद को झोंके जा रहा ।

देश  की प्रगति भी इन्ही मजदूरों के करम से निर्धारित होगी,
मजदूर का स्तर कोई भी हो पर परिश्रम और लगन अपनी परिकाष्ठा पे होगी,
देश खड़ा है अनगिनत मजदूरों के करम के निर्धारित परिणामों से,
मजदूरों ने भी सींचा है देश को अपनी मेहनत के पसीने से ।

मजदूर की ख़ुशी उसके परिश्रम से निर्धारित है होती,
मजदूर की इज़्ज़त उसके करम से प्रफुल्लित है होती,
मजदूर लगा है खुद के साथ देश को एक स्वाभिमान दिलाने में,
खुदी हो खुदमे तो झुकती है दुनिया ये सारे जहाँ को दिखाने में ।

आओ आज मिलकर हम समाज के शिल्पकारों को करें नमन,
खुद बने मजदूर और सिद्धांतों में हो हमारे परिश्रम और लगन,
देश की प्रगति में एक अनोखी भागीदारी हमारी भी हो,
मजदूरों से म्हणत से खड़े इस देश की प्रज्वलित चर्चा पुरे संसार में हो । 

Dil Le Gayi

समुन्दर को नदियों की संज्ञा चुराते देखा है,
रेगिस्तान को पैरों के निशान को खुद में समाते देखा है,
पर कोई कैसे किसी के दिल को है चुरा सकता,
जीने के लिए जरुरी है दिल, और उसी को खुद से चुराते देखा है । 

उनकी कशिश ने ढाया खुश अजब ही कहर,
हमे उनका बना ले गए दिल हमारा फैलाते हुए मोहब्बत की लहर,
दिल को जीतना किसी का इतना आसान नहीं,
और जीत ले कोई तो समझो उससे जादा तुम्हारे लिए कोई खास नहीं । 

जीवन की डोर बंधी ही है मोहब्बत के संवेदनशील तार से,
जिसे जितना सिचो उतनी मजबूती आती है प्यार से,
खुद और खुदी के लिए हर इंसान यहाँ जीया जा रहा,
अंत में खुद को ही भुला खुद से ही दूर होते जा रहा । 

क्या मायने है जीवन के जीने के ये हम सोच नहीं पाते,
जो अपने है उन्हें हम समझ नहीं पाते,
झोंक देते है खुद को अंजानो को खुश करने की होड़ में,
लापरवाह बनते है उनके लिए जो चूक नहीं रहे हमपे प्यार लुटाने में । 

दिम्माग को दिल से सदा ही उम्दा तववजु दी है ज़माने ने,
दिल में बसे है जो उन्हें भुला लगा है दिमाग तररकी को पाने में,
पर कैसे पहचानू की कौन है जो दिल में वास करती है,
मुझसे मेरा दिल ही चुरा चुकी और मुझे पता भी नहीं लगने देती है । 


दिल लेने वाली सदा निस्वार्थ मोहब्बत की मूरत होगी,
खुद की ख़ुशी को रख परे आपके दिल की खुशी की फ़िक्र में होगी,
आपके लापरवाह रवैये को भी भुला दो दिल नहीं कर रहा एक बार भी उफ़,
वही है मेरे दोस्त तुम्हारी सच्ची मोहब्बत - ये सच है ना समझना इसे कोई ब्लफ । 

Happy Diwali 2019

दिपक की जगमगाहट आपके पुरे आँगन को उज्जियाये, रोशन करे ज़िंदगानी और खुशनुमा सा बनाये, क्योँकि ये पर्व कोई मामूली पर्व नहीं, है पर्व पुरुषार...