वो अंजुमन में हमारी आये कुछ इस कदर,
ज़िन्दगी में उन्होंने हमारे मचा दिया कुछ ऐसा ग़दर,
मोहब्बत की हमसे बस अपने शौक के लिए,
दिल तो तोडा हमारा और हमने पूछा तो मुह मोड़ लिए ।
हम नादान उन्हें अपनी जिंदगी समझ बैठे थे,
उनके साथ जीवन भर के सपने बुने बैठे थे,
वो हमारे प्यार का मजाक बनाते चले गए इस कदर,
एक पल भी न सोचा की कैसे जिएंगे हम उनके बगर ।
उनकी मुस्कराहट के लिए हम अपने आंसू भी छुपा बैठे,
वो शौकिया धोखा दे हमे रुला बैठे,
आगाज -ऐ मोहब्बत पे हमारा विश्स्वास अटल था,
कम्भख्त वो हमारे मोहब्बत पर विश्वास को ही हिला बैठे ।
आज उनकी ख़ुशी के लिए हमने जिन खुशियों को छोड़ा था,
आज वो उन्ही खुशियों के लिए हमे छोड़ चले,
वो अपनी खुशनुमा ज़िन्दगी में जी रहे है मस्त,
हम आज भी उनकी यादों के सहारे हो रहे पस्त ।
वो भी नहीं जानते की मोहब्बत बार बार नहीं होती,
दिल दुखना आसान है पर टूटे दिल के साथ जीना आम बात नहीं होती,
होगा उनका हुनर दिल को तोड़ खुशियां मानाने का,
लेकिन टूटे दिल से भी धोकेबाज को चाहना ही सच्चे आशिक़ की पहचान है होती ।
दिल से लिए फैसले अक्सर दर्द देते है,
अमीरों की महफ़िल में अक्सर दिलों के खरीद-फरोक होते हैं,
हमे भी बताना क्या पाया तूने अमीरों की महफ़िल में जाकर,
और हो सके तो समझना हमे भी कभी एक सच्चा आशिक़ बनकर ।
ज़िन्दगी में उन्होंने हमारे मचा दिया कुछ ऐसा ग़दर,
मोहब्बत की हमसे बस अपने शौक के लिए,
दिल तो तोडा हमारा और हमने पूछा तो मुह मोड़ लिए ।
हम नादान उन्हें अपनी जिंदगी समझ बैठे थे,
उनके साथ जीवन भर के सपने बुने बैठे थे,
वो हमारे प्यार का मजाक बनाते चले गए इस कदर,
एक पल भी न सोचा की कैसे जिएंगे हम उनके बगर ।
उनकी मुस्कराहट के लिए हम अपने आंसू भी छुपा बैठे,
वो शौकिया धोखा दे हमे रुला बैठे,
आगाज -ऐ मोहब्बत पे हमारा विश्स्वास अटल था,
कम्भख्त वो हमारे मोहब्बत पर विश्वास को ही हिला बैठे ।
आज उनकी ख़ुशी के लिए हमने जिन खुशियों को छोड़ा था,
आज वो उन्ही खुशियों के लिए हमे छोड़ चले,
वो अपनी खुशनुमा ज़िन्दगी में जी रहे है मस्त,
हम आज भी उनकी यादों के सहारे हो रहे पस्त ।
वो भी नहीं जानते की मोहब्बत बार बार नहीं होती,
दिल दुखना आसान है पर टूटे दिल के साथ जीना आम बात नहीं होती,
होगा उनका हुनर दिल को तोड़ खुशियां मानाने का,
लेकिन टूटे दिल से भी धोकेबाज को चाहना ही सच्चे आशिक़ की पहचान है होती ।
दिल से लिए फैसले अक्सर दर्द देते है,
अमीरों की महफ़िल में अक्सर दिलों के खरीद-फरोक होते हैं,
हमे भी बताना क्या पाया तूने अमीरों की महफ़िल में जाकर,
और हो सके तो समझना हमे भी कभी एक सच्चा आशिक़ बनकर ।