देस की स्वतत्रंता को आओ हम अपने उड़ान की परिकाष्ठा बनाये,
जो देख नहीं पाई दुनिया हम से आओ वो आज दुनिया को दिखाएँ,
स्वतत्रंता दिवस के इस पावन दिवस पे आओ अपने विचारों की स्वतत्रंता को सुद्रुढ बनाये,
पुरे विश्व में अपने भारतवर्ष की तररक्की का परचम फैलाएं ।
देश को प्रगति की राह अब हर देशवासी को दिखानी होगी,
अलग अलग हो भले प्रयास पर हर प्रयास को अपनी सम्पूर्णता दिलानी होगी,
हर दिल में बस रहे अपने देश को विश्वप्रियता दिलानी होगी,
मेरा देश से हमारे देश की संज्ञा भारतवर्ष को दिलानी होगी ।
क्योँ न करें आगाज-ए-ऐलान आज ताकि हो सके हर कोने कोने में स्त्री का सम्मान,
क्योँ न ख़त्म करें नफरत ताकि मुश्किल हो पहचानना कौन है हिन्दू और कौन मुसलमान,
क्यों न भ्रस्टाचार को ओढ़ाएं हम ईमानदारी की चादर,
इंसान करे इंसान का सम्मान और छोटे बड़े सबका हो आदर ।
मुक्कमल है ईमान तभी तो हर हिंदुस्तानी रखता है वतन पे ईमान,
देश की हो बात तो हर हिंदुस्तानी रखता है हथेली पे जान,
पर आज देश के लिए मरने से ज्यादा जीने की जरुरत है आन पड़ी,
खड़ा है ससक्त भारत ध्यान रहे दुश्मनो और आतंकवादियों,
तुम्हे हर बार की तरह मुह की है खानी पड़ी ।
आपसी भाईचारे और अपनेपन को तवज्जु और हमे दिलानी होगी,
अपने फायदे से पहले देश को प्राथमिकता हमे अपने दिलों में लानी होगी,
जिस तिरंगे को कफ़न बना गौरवान्वित कर गए वो पवित्र दिलेर,
उन दिलेरों की कुर्बानी को सदा अपने दिलों में सम्मान दिलानी होगी ।
तिरंगे की शान का नशा हर दिल पे छाये रहे,
भारत माँ की रक्षा के लिए जान देने का गुरूर हर दिल में के छाये रहे,
हिंदुस्तान का परचम हर देशवासी ऊन्ही लहराते रहे,
विश्व स्तर पे हिंदुस्तान का नशा हर दिल पे छाये रहे ।
जो देख नहीं पाई दुनिया हम से आओ वो आज दुनिया को दिखाएँ,
स्वतत्रंता दिवस के इस पावन दिवस पे आओ अपने विचारों की स्वतत्रंता को सुद्रुढ बनाये,
पुरे विश्व में अपने भारतवर्ष की तररक्की का परचम फैलाएं ।
देश को प्रगति की राह अब हर देशवासी को दिखानी होगी,
अलग अलग हो भले प्रयास पर हर प्रयास को अपनी सम्पूर्णता दिलानी होगी,
हर दिल में बस रहे अपने देश को विश्वप्रियता दिलानी होगी,
मेरा देश से हमारे देश की संज्ञा भारतवर्ष को दिलानी होगी ।
क्योँ न करें आगाज-ए-ऐलान आज ताकि हो सके हर कोने कोने में स्त्री का सम्मान,
क्योँ न ख़त्म करें नफरत ताकि मुश्किल हो पहचानना कौन है हिन्दू और कौन मुसलमान,
क्यों न भ्रस्टाचार को ओढ़ाएं हम ईमानदारी की चादर,
इंसान करे इंसान का सम्मान और छोटे बड़े सबका हो आदर ।
मुक्कमल है ईमान तभी तो हर हिंदुस्तानी रखता है वतन पे ईमान,
देश की हो बात तो हर हिंदुस्तानी रखता है हथेली पे जान,
पर आज देश के लिए मरने से ज्यादा जीने की जरुरत है आन पड़ी,
खड़ा है ससक्त भारत ध्यान रहे दुश्मनो और आतंकवादियों,
तुम्हे हर बार की तरह मुह की है खानी पड़ी ।
आपसी भाईचारे और अपनेपन को तवज्जु और हमे दिलानी होगी,
अपने फायदे से पहले देश को प्राथमिकता हमे अपने दिलों में लानी होगी,
जिस तिरंगे को कफ़न बना गौरवान्वित कर गए वो पवित्र दिलेर,
उन दिलेरों की कुर्बानी को सदा अपने दिलों में सम्मान दिलानी होगी ।
तिरंगे की शान का नशा हर दिल पे छाये रहे,
भारत माँ की रक्षा के लिए जान देने का गुरूर हर दिल में के छाये रहे,
हिंदुस्तान का परचम हर देशवासी ऊन्ही लहराते रहे,
विश्व स्तर पे हिंदुस्तान का नशा हर दिल पे छाये रहे ।