दिपक की जगमगाहट आपके पुरे आँगन को उज्जियाये,
रोशन करे ज़िंदगानी और खुशनुमा सा बनाये,
क्योँकि ये पर्व कोई मामूली पर्व नहीं, है पर्व पुरुषार्थ का,
जगमग-जगमग दीपों से रूहानी झलकते दिव्यार्थ का |
देहरी का दीप हराते रहे सदा अंधियारे की घोर-कालिमा,
विजयी सदा रहे जगमग उज्जियारे की स्वर्ण-लालिमा,
दीपों से सीखें सभी समर्पण, रोशन, सामाजिक और मोहब्बत जैसे गुणों को,
क्योँकि वही तीर्थ है,
दीपावली मनाये समझ उसका सही अर्थ,
वरना फिर व्यर्थ है |
पावनता इस पर्व की, धर्म की अधर्म पे विजय की,
खुशियाली के आगमन की, पटाखों बाजन की,
खुशियों को लुटाने की बजाये हम संजोय बैठे हैं ,
पहले मिला करते थे सब से मिठाइयां लेकर, आजकल केवल व्हाट्सप्प किये बैठे हैं |
आज भी वो बीता दौर, मुझे याद आता है,
दोस्तों की अंजुमन में पटाखों संग अपना कहर मचाना, मुझे याद आता है,
प्रेमिका को दीपों की संज्ञा से नवाजना, मुझे याद आता है,
प्रेमिका का हमारी उपमाओं पे फ़िदा होना और दोस्तों का हमसे जलना, मुझे याद आता है |
मोहब्बत की आपकी मधुर छाँव बस सदा के लिए हमे दे दीजिये,
आज तहे-दिल से हमारी तरफ से दीपावली की शुभकामनायें कबूल कर लीजिये,
अपने आशीष की रवानगी सदा नाचीजों पे यूँही बरसाइये,
आज के सुभ अवसर पर इस नाचीज़ की तरफ से दीपावली की शुभकामनाएं स्वीकार फरमाइए |
रोशन करे ज़िंदगानी और खुशनुमा सा बनाये,
क्योँकि ये पर्व कोई मामूली पर्व नहीं, है पर्व पुरुषार्थ का,
जगमग-जगमग दीपों से रूहानी झलकते दिव्यार्थ का |
देहरी का दीप हराते रहे सदा अंधियारे की घोर-कालिमा,
विजयी सदा रहे जगमग उज्जियारे की स्वर्ण-लालिमा,
दीपों से सीखें सभी समर्पण, रोशन, सामाजिक और मोहब्बत जैसे गुणों को,
क्योँकि वही तीर्थ है,
दीपावली मनाये समझ उसका सही अर्थ,
वरना फिर व्यर्थ है |
पावनता इस पर्व की, धर्म की अधर्म पे विजय की,
खुशियाली के आगमन की, पटाखों बाजन की,
खुशियों को लुटाने की बजाये हम संजोय बैठे हैं ,
पहले मिला करते थे सब से मिठाइयां लेकर, आजकल केवल व्हाट्सप्प किये बैठे हैं |
आज भी वो बीता दौर, मुझे याद आता है,
दोस्तों की अंजुमन में पटाखों संग अपना कहर मचाना, मुझे याद आता है,
प्रेमिका को दीपों की संज्ञा से नवाजना, मुझे याद आता है,
प्रेमिका का हमारी उपमाओं पे फ़िदा होना और दोस्तों का हमसे जलना, मुझे याद आता है |
मोहब्बत की आपकी मधुर छाँव बस सदा के लिए हमे दे दीजिये,
आज तहे-दिल से हमारी तरफ से दीपावली की शुभकामनायें कबूल कर लीजिये,
अपने आशीष की रवानगी सदा नाचीजों पे यूँही बरसाइये,
आज के सुभ अवसर पर इस नाचीज़ की तरफ से दीपावली की शुभकामनाएं स्वीकार फरमाइए |
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