Thursday 29 May 2014

Yaaden

जब भी मैंने अकेलेपन को महसूस किया,
इन यादों ने ही मेरा सम्पूर्ण साथ दिया,
यादों की गोद में मुझे अपने अकेलेपन से मिलती है राहत,
सही मायनो में ये यादें है इंसान की असली अमानत।

इस मायावी दूनिया में किसपे मैं विशवास करूँ,
स्वार्थ से परिपक्व समाज में किसे कहूँ,
जिन पे मैं एक ज़माने में दिल छिटका करता था, वो छोड़ गए मुझे,
 मजबूरियों का हवाला दे, पूरी तरह तोड़ गए मुझे।

कभी कीसी  के दर्द को समझ मैंने नजदीकियां बधाई थीं,
पर मेरे हँसाने के बाद वो खुद दर्द दे गए मुझे,
पर उनके दिए दर्द से टूट जाऊं , ये मुझे ग़वारा नहीं,
अपने दर्द को छुपा दूसरे के चेहरे ख़ुशी लाऊँ, इससे अलग सोच नहीं।

कई बार स्वार्थ अच्छे पलों पे पड़ता है भारी,
टूटते हैं रिश्ते अच्छे से अच्छे अगर विशवास की मर्यादा नहीं संभाली,
तब ये यादें हैं जो जीवन जीने की प्रेरणा  देती हैं,
हसीन बीते पलों  को याद कर आपमें संजीदगी भर्ती हैं।

यादों से मिला प्यार बड़े से बड़े धोखे को है तोड़ जाता,
यादों का दुलार किसी के बिछड़न से आपका मिलन है करवा जाता,
यादों के करिश्में ने कई टूटे दिलों को जोड़ा है,
नाम आँखों में भी चेहरे पे मुस्कराहट को  बरकरार रखा है।

किसी का साथ ना छोड़ना जो पैदा करे अकेलापन,
निभाना अंतिम तक साथ ताकि तुम्हारे साथ लगा रहे उसका मन,
क्योँकि अगर तुम्हारे स्वार्थ ने तोड़ दिया कोई अनजाने में दिल,
यादें तो संवार  लेंगी उसे, मगर तुम्हारी ज़िन्दगी चुकता नहीं कर पायेगी उस टूटे  दिल का बिल।   

Sunday 25 May 2014

Haar Ka Dar

जीवन की दौड़ में दौड़ना है जरुरी,
हार से लगता है डर ना हो ऐसी कोई मज़बूरी,
जीवन जीने के सलीके बनाते इंसान को मजबूत हैं,
और अगर आ गया मन में हार का डर, तो हालात डराते खूब हैं।

चलना  और गिरना प्रकृति का नियम है,
उत्थान और पतन सिखाता इंसान को सयम है,
गिर के उठ खड़ा जब हो जाता है इंसान,
तब अपने कर्मों से बन जाता है  महान।

बाल अवस्था में जब नहीं  तकराय गिर के उठने से,
तो आज गिरने के डर से चलना क्योँ छोड़ दिया,
जब छूना था मुकाम बुलंदी का,
तो सिर्फ हार के डर से कर्म करना क्योँ छोड़ दिया।

ये हार ही है जो हमें सिखाती है,
जीवन जीने के नजरिये में परिपक्वता लाती है,
इंसान हर सिख माँ  के पेट से सिख नहीं आ सकता,
और अपनी हार का जिम्मा अपनी किस्मत पे नहीं डाल सकता।

संभल कर चलना बुद्धिमानी कहलाती है,
पर गिर के उठना दिलेरी दिखलाती है,
चलो हुंकार भर के ताकि  गिराने वाले पलों को भी  तुम्हारा खौफ हो,
और रखना दिल मजबूत ताकि गिर के  उठने के बाद भी तुम्हारा रौब हो।      

Saturday 24 May 2014

Proposal Ki Anokhi Dastaan

Ek Chehra Mujhe Kuch Is Kadar Bhaya,
Ki Mano Jaise Ekdum Se Aankhon Me Basne Aaya,
Us Chehre Ki Khubsurati Badi Lajawaab Thi,
Jise Dekhte Hi Dil Me Basane Ki Meri Aas Thi.

Uu To Mai Sada Se Karta Tha Aankho-Dekhi Pe Vishwas,
Par Na Jane Kyoun Us Chehre Ko Aankh Band Kar Dekhne Ka, Paida Hua Aihsaas,
Jitni Chehre Pe Chamak Thi, Utni Hi Us Chehre Ke Prati Mere Dil Me Lalak Thi,
US Chehre Ko Apna Banane Ki Mere Man Me Sacchi Lagan Thi.

Sayad Ho Gayi Hai Mujhe Mohabbat, Ye Soch Mai Us Chehre Se Rubaroo Ho Gaya,
Jada Anubhav Nahi Tha Mohabbat Ke Vishay Me, So Sidhe Hi Use Propose Kar Gaya,
Mera Proposal Sun Wo Apna Aapa Kho Baithi,
Mujhe Laga Maregi Mujhe Thappad, Magar Wo To Jor-Jor Se Thahake Laga Baithi.

Do Minute Ke Liye Mujhe Kuch Bhi Samajh Na Aaya,
Proposal Sun Ladki Hansti Bhi Hai, Ye Ek Naya Dristikon Mujhe Samajh Aaya.
Use Humsafar Ki Nahi Ek Ache Dost Ki Talash Thi,
Sayad Yahi Wajah Uski Hansi Ke Sath Thi.

Maine Bhi Apni Bhawnaon Ko Samet Te Hue, Usse Dosti Ka Hath Badhaya,
Pyar Ko Piche Dhakelte Hue, Apne Dil Me Dosti Ka Naya Podha Ugaya.
Par Meri Dosti Use Apnepan Ka Aihsaas Dilane Lagi,
Kash Mera Jaisa Milta Use Humsafar, Is Soch Me Use Dalne Lagi.

Ek Din Uski Shadi Ki Baat Suni, To Baraat Me Nachne Pahunch Gaye,
Dulha Banne Ka Khwaab Tha, Lakin Dosti Ki Maryada Nibha Gaye,
Aaj Sasuraal Me Apne Wo Dukhi Man Se Hume Yaad Karti Hai,
Aaj Wo Humare Pyar-Numa Jajbaaton Ko Tawajuu Deti Hai.

Magar Hum Apni Maryada Se Bandhe Use Kewal  Santawana Hai De Sakte,
Uske Dampatya Jiwan Ko Khushaal Karne Ke Nukse Hai Use De Sakte,
Dua Karte Hai Ki Us Chehre Ki Muskurahat Sada Barkarar Rahe,
Jo Kurbaani Humne Di Uska Arth Sada Saakaar Rahe.

Dukh Hota Hai Kabhi-Kabhi Jab Aapki Achi Bhawnaon ko Koi Samajh Nahi Pata,
Samaj Ke Niyamon Ke Tahat Apni Khushi Ka Gala Hai Ghot Jata,
Aaj Sabse Prarthana Karta Huin Ki Apne Jiwan Sathi Ko Khub Pyar Se Rakhen,
Kyounki Apko Bhi Pata Nahi Ki Kis Kurbaani Ko De Wo Apka Sath Hai Nibha Rahen.

Saturday 3 May 2014

Khamoshi Se Dar

अकेलेपन से हुई दोस्ती तो ख़ामोशी ने डरा दीया,
परछाई तो थी साथ, पर उसकी भी ख़ामोशी ने डरा दिया,
जिंदगी में सब कुछ पाया मैंने, पर किसी  अपने कि चुप्पी ने डरा दीया,
मैं सुनना चाहता था बहुत कुछ पर उसकि ख़ामोशी ने मुझे हरा दिया।

मैंने रख दी उसके समकक्ष अप्ने दिल कि बात,
यहाँ तक कहा कि तेरे बिना नही अच्छे मेरे हालात,
फिर भी रही वो चुप अपनी मजबूरियों को जिम्मेदार ठहराते हुए,
ना कुछ बोली ना मुह खोलि, मेरे प्यार को ठुकराते हुए।

मेरी सुन के दिल कि बात वो कुच्छ मना कर गयी मुझे,
मजबूरियों के बहाने जड़ गयी मुझे,
मेरी चाहत तो केवल उसकी चाहत पाने कि थी,
उसकी छवि अपने दिल मे बसाने कि थी।

सुन कर उसने अनसुना कर दिया मुझे,
मुझे ठुकराने का कारण भी ना बताया मुझे,
उसकी खोमोशी को उसका इंकार समझ छोङ आया उसे,
उसकी खुशी मे हि अपनी खुशि क एहसास दिला आया उसे।

पर अब ना जाने क्योँ खुद खामोश रहने को जी करता है,
किसी के भी अपनेपन से सब्से जादा डर लगता है,
अकेले अपना जीवन मैं फिर भी जी सकता है,
लेकिन सबसे जादा मैं ख़ामोशी से डरता हूं। 

Happy Diwali 2019

दिपक की जगमगाहट आपके पुरे आँगन को उज्जियाये, रोशन करे ज़िंदगानी और खुशनुमा सा बनाये, क्योँकि ये पर्व कोई मामूली पर्व नहीं, है पर्व पुरुषार...