जब भी मैंने अकेलेपन को महसूस किया,
इन यादों ने ही मेरा सम्पूर्ण साथ दिया,
यादों की गोद में मुझे अपने अकेलेपन से मिलती है राहत,
सही मायनो में ये यादें है इंसान की असली अमानत।
इस मायावी दूनिया में किसपे मैं विशवास करूँ,
स्वार्थ से परिपक्व समाज में किसे कहूँ,
जिन पे मैं एक ज़माने में दिल छिटका करता था, वो छोड़ गए मुझे,
मजबूरियों का हवाला दे, पूरी तरह तोड़ गए मुझे।
कभी कीसी के दर्द को समझ मैंने नजदीकियां बधाई थीं,
पर मेरे हँसाने के बाद वो खुद दर्द दे गए मुझे,
पर उनके दिए दर्द से टूट जाऊं , ये मुझे ग़वारा नहीं,
अपने दर्द को छुपा दूसरे के चेहरे ख़ुशी लाऊँ, इससे अलग सोच नहीं।
कई बार स्वार्थ अच्छे पलों पे पड़ता है भारी,
टूटते हैं रिश्ते अच्छे से अच्छे अगर विशवास की मर्यादा नहीं संभाली,
तब ये यादें हैं जो जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं,
हसीन बीते पलों को याद कर आपमें संजीदगी भर्ती हैं।
यादों से मिला प्यार बड़े से बड़े धोखे को है तोड़ जाता,
यादों का दुलार किसी के बिछड़न से आपका मिलन है करवा जाता,
यादों के करिश्में ने कई टूटे दिलों को जोड़ा है,
नाम आँखों में भी चेहरे पे मुस्कराहट को बरकरार रखा है।
किसी का साथ ना छोड़ना जो पैदा करे अकेलापन,
निभाना अंतिम तक साथ ताकि तुम्हारे साथ लगा रहे उसका मन,
क्योँकि अगर तुम्हारे स्वार्थ ने तोड़ दिया कोई अनजाने में दिल,
यादें तो संवार लेंगी उसे, मगर तुम्हारी ज़िन्दगी चुकता नहीं कर पायेगी उस टूटे दिल का बिल।
इन यादों ने ही मेरा सम्पूर्ण साथ दिया,
यादों की गोद में मुझे अपने अकेलेपन से मिलती है राहत,
सही मायनो में ये यादें है इंसान की असली अमानत।
इस मायावी दूनिया में किसपे मैं विशवास करूँ,
स्वार्थ से परिपक्व समाज में किसे कहूँ,
जिन पे मैं एक ज़माने में दिल छिटका करता था, वो छोड़ गए मुझे,
मजबूरियों का हवाला दे, पूरी तरह तोड़ गए मुझे।
कभी कीसी के दर्द को समझ मैंने नजदीकियां बधाई थीं,
पर मेरे हँसाने के बाद वो खुद दर्द दे गए मुझे,
पर उनके दिए दर्द से टूट जाऊं , ये मुझे ग़वारा नहीं,
अपने दर्द को छुपा दूसरे के चेहरे ख़ुशी लाऊँ, इससे अलग सोच नहीं।
कई बार स्वार्थ अच्छे पलों पे पड़ता है भारी,
टूटते हैं रिश्ते अच्छे से अच्छे अगर विशवास की मर्यादा नहीं संभाली,
तब ये यादें हैं जो जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं,
हसीन बीते पलों को याद कर आपमें संजीदगी भर्ती हैं।
यादों से मिला प्यार बड़े से बड़े धोखे को है तोड़ जाता,
यादों का दुलार किसी के बिछड़न से आपका मिलन है करवा जाता,
यादों के करिश्में ने कई टूटे दिलों को जोड़ा है,
नाम आँखों में भी चेहरे पे मुस्कराहट को बरकरार रखा है।
किसी का साथ ना छोड़ना जो पैदा करे अकेलापन,
निभाना अंतिम तक साथ ताकि तुम्हारे साथ लगा रहे उसका मन,
क्योँकि अगर तुम्हारे स्वार्थ ने तोड़ दिया कोई अनजाने में दिल,
यादें तो संवार लेंगी उसे, मगर तुम्हारी ज़िन्दगी चुकता नहीं कर पायेगी उस टूटे दिल का बिल।