जो पहला सब्द निकला बच्चे से, उसने मातृत्व को जन्म दिया,
माँ के आँचल टेल, हर बच्चे ने मातृत्व को नमन किया,
बच्चे के लिए उसकी माँ , ररब का वरदान बनी,
और माँ के लिए उसका बच्चा , उसकी संतान बनी।
माँ का रूप तो खुद ईश्वर को वंदनीय है,
माँ के चरण , तो हृदय - पूर्ण स्पर्शनिए है,
माँ ममता का अथाह महासागर है,
जिसमे भरा भावनाओं का गागर है।
नारी का उत्कृष्ट रूप, मातृत्व की पहचान बना,
जिससे प्रफुलित हुई हर नारी, और जो नारी का अभिमान बना,
बच्चों को माँ से परोपकार और सत्कार का ज्ञान मिला,
बच्चों पे आने वाले संकटों को माँ रूपी पहाड़ मिला।
माँ अपने दुखों को छीपा , ममता की वर्षा है करती,
बच्चों का पेट भरने के लिए , वो कभी-कभी खुद भूकी है रहती,
बच्चों की ख़ुशी में वो अपनी ख़ुशी है ढूंढा करती,
अपने अरमानों और आकांक्षाओं को बच्चों के लिए, बलिदान है देती।
माँ के जीवन को आओ ह्रदय से करें नमन,
जो जी सिर्फ अपने बच्चों के लिए, उसे खुश रखने का करें जतन,
जिस माँ ने दिए बच्चों के लिए बलिदान,
आओ उन माओं के लिए वरदान बने,
अपनी-अपनी माँ के चेहरे पे लाओ ख़ुशी,
और मिलकर हमसब मातृत्व का अभिमान बने।
माँ के आँचल टेल, हर बच्चे ने मातृत्व को नमन किया,
बच्चे के लिए उसकी माँ , ररब का वरदान बनी,
और माँ के लिए उसका बच्चा , उसकी संतान बनी।
माँ का रूप तो खुद ईश्वर को वंदनीय है,
माँ के चरण , तो हृदय - पूर्ण स्पर्शनिए है,
माँ ममता का अथाह महासागर है,
जिसमे भरा भावनाओं का गागर है।
नारी का उत्कृष्ट रूप, मातृत्व की पहचान बना,
जिससे प्रफुलित हुई हर नारी, और जो नारी का अभिमान बना,
बच्चों को माँ से परोपकार और सत्कार का ज्ञान मिला,
बच्चों पे आने वाले संकटों को माँ रूपी पहाड़ मिला।
माँ अपने दुखों को छीपा , ममता की वर्षा है करती,
बच्चों का पेट भरने के लिए , वो कभी-कभी खुद भूकी है रहती,
बच्चों की ख़ुशी में वो अपनी ख़ुशी है ढूंढा करती,
अपने अरमानों और आकांक्षाओं को बच्चों के लिए, बलिदान है देती।
माँ के जीवन को आओ ह्रदय से करें नमन,
जो जी सिर्फ अपने बच्चों के लिए, उसे खुश रखने का करें जतन,
जिस माँ ने दिए बच्चों के लिए बलिदान,
आओ उन माओं के लिए वरदान बने,
अपनी-अपनी माँ के चेहरे पे लाओ ख़ुशी,
और मिलकर हमसब मातृत्व का अभिमान बने।